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डॉ आलोक सिंह ने एंडोस्कोपी से ही कर दिया आंतो के जोड़ने का आपरेशन गोरखपुर मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के गैस्ट्रो, लिवर रोग एवं लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक सिंह द्वारा मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में पहली बार की गई आंतो की जटिल सर्जरी (EUS GJ)। बताते चले कि बलिया की रहने वाली 70 वर्षीय महिला मरीज पैंक्रियाज के कैंसर से पीड़ित थी जिसके कारण महिला मरीज के आंतो में रुकावट आ गई थी। ऐसी स्थिति में आमतौर पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है। किन्तु डॉक्टर आलोक ने इनडोस्कोपी से बिना टांके बिना चीरे के ही आंतों को जोड़ने मे सफलता हासिल की है। इस तरह की सर्जरी पूर्वांचल में एसजी पीजी आई लखनऊ के बाहर प्रथम बार किसी चिकित्सक के द्वारा किया गया है। यह सफलता मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि ऐसा करने से मरीज को एक जटिल सर्जरी नहीं करानी पड़ेगी। अपनी इस सफलता पर डॉक्टर आलोक ने बताया कि मरीजों की सेवा करने के साथ-साथ रिसर्च में भी उनकी रुचि काफी है। डॉक्टर आलोक नीट की सुपर स्पेशलिटी प्रवेश परीक्षा में पूरे देश के टॉपर रहे हैं। डॉ आलोक पूर्व में दिल्ली के प्रसिद्ध जी. बी. पंत इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे हैं व जी- 20 में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ आलोक गोरखपुर के ही रहने वाले हैं।इनके पिता प्रोफेसर परीक्षित सिंह दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर में वनस्पति विज्ञान के आचार्य पद पर कार्यरत हैं। डॉक्टर आलोक अपने क्षेत्र की जनता को सेवाएं देने के लिये प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे रविवार को मेदांता हास्पिटल के सहयोग से शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल गोरखपुर में अपनी सेवाएँ देते हैं।डा शैलेश सिंह प्रभारी सूचना एवं जनसम्पर्क दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर ने बताई।...

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डॉ आलोक सिंह ने एंडोस्कोपी से ही कर दिया आंतो के जोड़ने का आपरेशन

गोरखपुर मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के गैस्ट्रो,  लिवर रोग एवं लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉक्टर आलोक सिंह द्वारा मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में  पहली बार की गई आंतो की जटिल सर्जरी (EUS GJ)।

 बताते चले कि बलिया की रहने वाली 70 वर्षीय महिला मरीज पैंक्रियाज के कैंसर से पीड़ित थी जिसके कारण महिला मरीज के आंतो में रुकावट आ गई थी। ऐसी स्थिति में आमतौर पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है। किन्तु डॉक्टर आलोक ने इनडोस्कोपी से बिना टांके बिना चीरे के ही आंतों को जोड़ने मे सफलता हासिल की है। इस तरह की सर्जरी पूर्वांचल में एसजी पीजी आई लखनऊ के बाहर प्रथम बार किसी चिकित्सक के द्वारा किया गया है। यह सफलता मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि  ऐसा करने से मरीज को एक जटिल सर्जरी नहीं करानी पड़ेगी। अपनी इस सफलता पर डॉक्टर आलोक ने बताया कि  मरीजों की सेवा करने के साथ-साथ रिसर्च में भी उनकी रुचि काफी है। डॉक्टर आलोक  नीट की सुपर स्पेशलिटी प्रवेश परीक्षा में पूरे देश के टॉपर रहे हैं। डॉ आलोक पूर्व में दिल्ली के प्रसिद्ध जी. बी. पंत इंस्टीट्यूट में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत रहे हैं व जी- 20 में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डॉ आलोक गोरखपुर के ही रहने वाले हैं।इनके पिता प्रोफेसर परीक्षित सिंह दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर में वनस्पति विज्ञान के आचार्य पद पर कार्यरत हैं। डॉक्टर आलोक अपने क्षेत्र की जनता को सेवाएं देने के लिये प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे रविवार को मेदांता हास्पिटल के सहयोग से शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल गोरखपुर में अपनी सेवाएँ देते हैं।डा शैलेश सिंह प्रभारी सूचना एवं जनसम्पर्क दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज गोरखपुर ने बताई।