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गोरखपुर विश्वविद्यालय में एम0ए0 प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के सम्मान में भव्य स्वागत समारोह का आयोजन शोध, सृजन और आलोचना के क्षेत्र में छात्र अपनी पहचान बनाने की जरूरत है - प्रोफ़ेसर कीर्ति पाण्डेय...

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गोरखपुर विश्वविद्यालय में एम0ए0 प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के सम्मान में भव्य स्वागत समारोह का आयोजन शोध, सृजन और आलोचना के क्षेत्र में छात्र अपनी पहचान बनाने की जरूरत है - प्रोफ़ेसर कीर्ति पाण्डेय

गोरखपुर आज गोरखपुर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एम0ए0 प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के सम्मान में एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षक, छात्र, शोधार्थी और बड़ी संख्या में नए छात्र उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावत से हुई, जिसे छात्र अनवर हुसैन ने प्रस्तुत किया। तत्पश्चात, सायमा खातून ने नात-ए-रसूल प्रस्तुत किया। समारोह के अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। संचालन का दायित्व मुहम्मद राफे और निदा इसरार ने बहुत ही खूबसूरती से निभाया।

स्वागत कविता नईमा निगार, नाज़िया निगार, कुलसुम बानो और अंजुम सहर ने प्रस्तुत की। अपने उत्साहपूर्ण स्वागत भाषण में, एम0ए0 द्वितीय वर्ष के छात्र मुहम्मद राफे ने नए छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि आज हमारे लिए हर्ष और गर्व का दिन है कि हमारे शैक्षिक कारवां में नए सिपाही शामिल हो रहे हैं। हमें आशा है कि आप सभी यहाँ न केवल ज्ञान अर्जित करेंगे, बल्कि अपने चरित्र और कार्यों से उर्दू साहित्य की ज्योति को भी प्रज्वलित रखेंगे।

विशिष्ट अतिथि, प्रोफ़ेसर कीर्ति पाण्डेय (डीन, कला संकाय एवं विभागाध्यक्ष, उर्दू विभाग) ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि यह स्वागत समारोह नई ऊर्जा, नए सपनों और नए संकल्प का संदेश देता है। शिक्षा का अर्थ केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि जीवन को बेहतर बनाना और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उर्दू भाषा की व्यापकता और गहराई का लाभ उठाते हुए, आप सभी को शोध, सृजन और आलोचना के क्षेत्र में अपनी पहचान बनानी चाहिए।

डॉ. महबूब हसन (सहायक प्रोफ़ेसर, उर्दू विभाग) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वागत समारोह केवल एक समारोह नहीं, बल्कि एक बौद्धिक परंपरा है जो वरिष्ठ छात्रों और नवागंतुकों के बीच एक शैक्षिक संबंध स्थापित करती है। ज्ञान की यात्रा तभी सार्थक होती है जब उसमें नैतिकता, शोध और मानवता की सेवा शामिल हो।

डॉ. साजिद हुसैन अंसारी (सहायक प्रोफेसर, उर्दू विभाग) ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को सलाह दी कि साहित्य केवल शब्दों की सुंदरता नहीं है, बल्कि मानवीय भावनाओं, अनुभवों और अवलोकनों का दर्पण है। यदि आप साहित्य से प्रेम करते हैं, तो यह आपकी सोच को व्यापक बनाता है और जीवन को सार्थक बनाता है।

इस अवसर पर एम0ए0 प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने अपना परिचय दिया और विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लिया। साथ ही, दो सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों, मुहम्मद ज़ैब और ताहा फ़ातिमा को पुरस्कार प्रदान किए गए।

कार्यक्रम के अंत में, एम0ए0 द्वितीय वर्ष की छात्रा आमिना खातून ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने शिक्षकों के आभारी हैं जिन्होंने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया। हम प्रार्थना करते हैं कि नए साथी उर्दू साहित्य के आकाश में चमकते सितारे बनें।